श्रीमहाप्रभुजी गोपालदासजी के घर बिराजे और श्रीभगवत परायण किया था.
आपश्रीने गोपालदासजीको पुस्तिमार्ग में दीक्षित कर, श्री कृष्णकी सेवा पधराई थी.
आचार्यजीने आपको नाम दीक्षा प्रदान करनेकी आज्ञाभी दी थी.
गोपालदासजी अपना सम्पूर्ण समय भगवत सेवामें व्यतीत करते थे, और आपने अनेक पदोंकी रचना भी की हे.