प्राचीन समय से सिढ़पुर एक सिद्ध क्षेत्रके रूपसे प्रसिद्ध हे. यहाँ सरस्वती नदी के किनारे, अनेक ऋषिओके आश्रम हे.
यहाँ ब्रह्माजी के पुत्र कर्दम ऋषि और कपिलदेवजीका आश्रमभी बिंदु सरोवरपे स्तिथ हे. कहते हे के बिंदु सरोवर प्रभुके हर्षके अश्रु से सिद्ध हुवा था।
कपिलदेवजीने अपनी माता देवहूतीजीको यही स्थान पर मुक्ति का उपदेश किया था.
जब श्री महाप्रभुजी सिढ़पुर पधारे, तब आपश्रीने दमोदरदासजीको यह भूमि का महातम बताते आज्ञा की, " यहाँ कपिलदेवजीने अपनी माताको 'सांख्य योग' का उपदेश किया था, जिसके पश्चात् देवहूतीजी जलका रूपले बिंदु सरोवर में पधार गयी".
यहाँ अनेक मायावी पंडित आचार्यजी से शास्त्रात करने आये, पर पराजित हुवे.
आप सभीको श्रीमहाप्रभुजी ने शरण दे , सुद्धाद्वैत ब्रह्मवाद की स्थापना की.